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know why this years navratri is special get the blessings of the mother according to the zodiac

24 Sep, 2022 Know why this years Navratri is special Get the blessings of the mother according to the zodiac

Know why this years Navratri is special Get the blessings of the mother according to the zodiac

जानिये, इस बार की नवरात्रि क्यों है विशेष ? राशिअनुरूप पाएं माता की कृपा। देवीभक्तों को शारदीय नवरात्रि आने की विशेष प्रतीक्षा रहती है। एक ओर कई देवीभक्त इन दिनों में देवी स्थलों पर जाकर विशेष साधनाएं करते हैंए तो कई भक्त गरबा के माध्यम से भक्ति रस में झूमकर अंबे.मॉं को मनाते हैंए तो कोई नौ दिन उपवास करते हैंए तो कोई नौ दिन अपने स्वयं के षरीर पर ज्वारे बोकर आराधना करते हैं। देवी का एक नाम षक्ति भी हैए देवीषक्ति की ही कृपा से भक्त कठिन साधनाएं कर पाते हैं। प्रत्येक वर्ष आष्विन षुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक षारदीय नवरात्र रहते हैं। इस वर्ष नवरात्रे 26 सितंबर से प्रारम्भ हो रहे हैं। नवरात्रे के नौ दिनों में देवी के अलग.अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

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हाथी की सवारी के कारण है विशेषनवरात्रि
इस बार की नवरात्रि अपने आपमें विशेष है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस नवरात्रि में देवी हाथी पर सवार होकर आपके और हमारे घर पर पधारने वाली हैं। माता की अलग.अलग सवारी का अलग.अलग महत्व होता है। देवी मॉं जब हाथी पर सवारी करके आती हैं तो देवी अन्न के भंडारे भर देती हैंए फलस्वरूप सम्पन्नता आती हैए वर्षा पर्याप्त होती है। नवरात्रे का प्रारंभ वाले दिन पडने वाले वार से देवी की सवारी की जानकारी मिलती है। जैसे नवरात्रि का प्रारंभ यदि रविवार अथवा सोमवार से होता हैए तो देवी की सवारी हाथी रहता है। वहीं यदि नवरात्र गुरू अथवा शुक्रवार से प्रारंभ होतीए तो ऐसे में पालकी सवारी होती। यदि मंगल अथवा शनिवार का दिन होता हो माता घोडे पर सवार होकर आती। बुधवार से नवरात्र प्रारंभ होता तो देवी मॉं नाव पर सवारी करती। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक सवारी का अलग अलग महत्व है। उपरोक्त हिसाब से चूंकि नवरात्र सोमवार से प्रारंभ हो रहे हैं इसलिए इस बार देवीजी की हाथी की सवारी मानी जाएगीए जो की अतिशुभ है।

घटस्थापना का मुहूर्त.
26 सितंबर 2022 को प्रातः 06ः30 से प्रातः 10 बजकर 15 मिनट तक। तदउपरांत दोपहर 12ः10 से 12ः 50 बजे तक श्रेष्ठ मुर्हूत रहेगा।
ऐसे करें घटस्थापना एवं पूजा
घटस्थापना एवं पूजा संकल्प इत्यादि के लिए हमें प्रथम दिन प्रयास करना चाहिए सूर्योदय से पूर्व उठ जाएं तथा स्नान इत्यादि करके पवित्र होकर नए वस्त्र धारण करें। पूजन स्थल को विषेष स्वच्च एवं श्रृंगारित करें। देवी प्रतिमा अथवा चित्र को लकडी के पटिये पर लाल वस्त्र से आच्छादित करके स्थापित करें। तदउपरांत कलश स्थापित करें। मिट्टी के पात्र में जौ बोएं। अब धूपए दीपए प्रषादए पुष्प इत्यादि अर्पित करते हुए प्रथम पूजनीय गणेषजी के पूजन के उपरांतए क्लषए जौ के पात्र की पंचोपचार पूजन करें। देवी माता का आव्हान करें और देवीजी की पंचोपचार पूजन करें। पूजा का संकल्प लें कि आप नवरात्रे में किस मंत्र अथवा पाठ का विधान करने वाले हैं तथा किस कामना के लिए कर रहे हैंए देवीजी के समक्ष यह भी बोलें। ज्वारों पर प्रतिदिन प्रातः एवं सांयकाल में पानी का छिडकाव करें। इन नौ दिनां में मनए क्रमए वचन से सात्विकता आहार एवं ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए आराधना करें। संभव हो तो प्रतिदिन अन्यथा नवमी पर कन्या का पूजन एवं उनका भोज आयोजित करें। लोकाचार के अनुरूप अष्टमीए नवमी वाले दिन हवनए क्लष विसर्जन का कार्य करते हुएए देवीजी से जाने.अंजाने में हुई गलती के लिए क्षमा याचना करें।

राशि अनुसार करें यह प्रयोग.
अब हम आपको विभिन्न राशियों के जातकों के लिए कुछ प्रयोग बताने जा रहे हैं। यह प्रयोग वर्तमान समय में बने हुए ग्रह.गौचर के अनुसार है। हमारा मानना है कि यदि आप बताये गये उपाय करेंगेए तो इससे न सिर्फ देवीजी की अनुकंपा प्राप्त होगीए अपितु नवग्रहों की भी कृपा का मार्ग प्रषस्त होगा। उपाय करने से हमें पूर्ण लाभ प्राप्त होए इसके लिए हमें उपाय करने के बाद उसके प्रचार.प्रसार से बचना चाहिए ।

मेष राशि.
देवी माता एवं कन्याओं को हरि चुनरी अर्पित करें तो इससे पराक्रम में वृद्धि होगीए शत्रु षांत होंगे।
वृषभ राशि.
देवीजी को बूंदी का भोग लगाकर भक्तों में वितरित करें। इससे आपका क्रोध शांत होगा साथ ही अनावश्यक खर्चों में कमी आएगी।
मिथुन राशि.
पीले पुष्पों से देवीजी का श्रृंगार करने से जीवनसाथी से मधुर संबंध बनेंगे अविवाहितों को उत्तम वर मिलेगा। कर्क राशि.
देवी जी को सम्पूर्ण श्रृंगार सामग्रियाँ काजल सहित अर्पित करेंए रोजगार में स्थायित्व प्राप्त होगा। साथ ही प्रसन्नता का अनुभव करेंगे।
सिंह राशि.
देवीजी को केसर अर्पित करें इससे संतान प्राप्ती की दिषा में आ रही बाधा दूर होगीए यदि आपकी संतान हैए तो वह आपका कहना मानेगी।
कन्या राशि.
किसी भक्त की देवी मंदिर आने.जाने में आर्थिक सहायता करें। अथवा किसी को देवी मंदिर की यात्रा के लिए अपने साथ ले जाएं। इससे आदि.व्याधियों में समाधान मिलेगा।
तुला राशि.
देवी मंदिर के निर्माण में सहयोग करेंए आपके स्वयं के घर का सपना पूरा होगा। यदि आप अपने घर से दूर निवास करते हैंए तो घर की यात्रा करेंगे।
वृष्चिक राशि.
देवीजी को पान के पत्ते में रखकर लौंगए सुपारी अर्पित करें। धन की प्राप्त के मार्ग बनेंगेए साथ ही रूका धन शीघ्र प्राप्त हो जाएगा।
धनु राशि.
देवी को खीर का भोग अर्पित करें। चौतरफा लाभ होगा। विषेष रूप से कर्मक्षेत्र अथवा आजीविका के क्षेत्र में प्रगति होगी।
मकर राशि.
देवी के आगे चतुर्मुखी दीपक प्रज्जवलित करें। साथ ही भैरवजी अथवा हनुमानजी को मिठाई का भोग लगाएंए लाभ होगा।
कुंभ राशि.
देवी जी को पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं। इससे आपको मानसिक षांति प्राप्त होगीए साथ ही शारीरिक पीडा दूर होगी।
मीन राशि.
देवी जी को नीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। घरेलू स्तर की समस्याए नषा करने की प्रवृत्ति में लाभ प्राप्त होगा।

अंत में सभी के लिए यही निवेदन एवं सुझाव रहेगा चूंकि देवीजी का अंष प्रत्येक महिला में है अतः महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। जरूरत पडने पर यथासंभव उनकी रक्षाए सहायता करने का भी हमें प्रण नवरात्रि में लेना चाहिए। ध्यान दें कन्या भ्रुण का पता लगाना एवं उसे गर्भ में ही समाप्त करना न सिर्फ कानूनी अपराध हैए बल्कि यह देवीषक्ति का अपमान भी है निष्चित रूप से ऐसा करने वालों को देवी के कोप का भाजन बनना पडता है। ज्योतिषए वास्तु संबंधी समस्या के समाधान तथा लक्ष्मी कृपा प्राप्ती हेतु अष्टलक्ष्मी अनुष्ठान के सम्बन्ध में आप हमसे परामर्ष प्राप्त कर सकते हैं। साथ हीए नवरात्रों में देवीजी के किसी भी पूजा.अनुष्ठान के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारे वैदिक ब्राह्मनों द्वारा समस्त पूजा विधि.विधान से सम्पन्न करवाई जाती हैं। शुभकामनाये सहित।
जय माता दी
एक्ट्रोलॉजर प्रीतिबाला पटेल
9316258163

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