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reiki became blessing during corona each woman should learn

01 Apr, 2021 Reiki became blessing during Corona Each woman should learn

Reiki became blessing during Corona Each woman should learn

कोरोनाकाल में वरदान बनी रेकी, प्रत्येक महिला को सीखनी चाहिए |
डिवाइन हीलिंग केयर की संचालिका रेकीमास्टर प्रीतिबाला का मानना है कि महिला चूंकि संबंधित परिवार की धुरि होती है। वह चाहती है कि परिवार के सभी सदस्य खुशहाल एवं निरोगी रहें। इसीलिए प्रत्येक महिला को रेकी सीखना चाहिए। रेकी के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ना सिर्फ स्वयं को बल्कि अपने परिवार, रिश्ते, धन, नौकरी, व्यापार इत्यादि को हील कर सकता है। रेकी के माध्यम से संबंधित व्यक्ति नकारात्मक वातावरण को सकारात्मक में बदल सकता है। जिन महिलाओं के पति अथवा बच्चों को सिगरेट, शराब इत्यादि की गलत लत लग जाती है, उनकी इच्छाशक्ति को रेकी के माध्यम से बढाया जा सकता है ताकि वे नशे का त्याग कर सकें।

रेकी एक्सपर्ट प्रीतिबाला के अनुसार रेकी एक प्रकार की आध्यात्मिक एवं सकारात्मक ऊर्जा है, जो निश्चित रूप से कार्य करती है। यही कारण है हजारों किलोमीटर दूर व्यक्ति को भी ऊर्जा दी जा सकती है, उन्हें हील किया जा सकता है। 

गत माह पूरी दुनिया के लिए अच्छे नहीं रहे। कोरोना अपने चरम पर था। लोगों के व्यापार ठप्प थे, उनके पास पैसा भी लिमिटेड था, डर एवं नकारात्मकता का वातावरण था। ऐसे में रेकी वरदान सिद्ध हुई। जिन्होंने हमसे रेकी सीखी थी, उन्होंने हमें फीडबेक दिया कि उन्होंने प्रतिदिन स्वयं के अलावा, अपने परिवार को रेकी दी जिससे उन्हें अनावश्यक नकारात्मकता एवं डर का सामना नहीं करना पडा तथा वे सभी संक्रमण के दौर में भी निरोगी रहे। 

आज प्रीतिबाला से रेकी प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों की संख्या हजारों में हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों ने ऑनलाइन माध्यम से रेकी सीखी है। लोगों की सुविधानुसार समय तय करके रेकी सिखाई जाती है। भाषा हिंदी एवं सरल अंग्रेजी दोनों ही रहती है ताकि व्यक्ति को दिक्कत ना हो। डिवाइन हीलिंग केयर द्वारा रेकी कोर्स का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि कुछ ही समय उपरांत संबंधित व्यक्ति इनका लाभ लेना शुरू कर दे।

आज हमें ख़ुशी है कि हमारे द्वारा सिखाये गये कई स्टूडेंटस पेशेवर रेकी हीलर के रूप में भी स्थापित है तथा कई स्टूडेंटस ने रेकी के माध्यम से अपने परिवार को बेहतर हील किया है। किसी भी उम्र एवं जाति का व्यक्ति रेकी सीखकर लाभ प्राप्त कर सकता है। यदि आप भी रेकी सीखना चाहते हैं अथवा अधिक जानकारी चाहते हैं, तो रेकी मास्टर प्रीतिबाला पटेल से (+91 9316258163) संपर्क कर सकते हैं।

जापानी शब्द है रेकी - रेकी दरअसल जापानी शब्द है। जापानी भाषा में ‘रे’ शब्द का मतलब यूनिवर्सल लाईफ तथा ‘की’ का अर्थ एनर्जी से है। इस प्रकार दोनों शब्द मिलकर यूनिवर्सल लाईफ फोर्स/एनर्जी हुआ। 
विज्ञान की दृष्टिकोण से रेकी को समझें, तो एनर्जी कभी समाप्त नहीं हो सकती, हां यह अपना रूप जरूर बदल सकती है। रेकी के माध्यम से हम इस ब्राह्मन्ड की ऊर्जा को अपने स्वयं के विकास के लिए प्रयोग कर सकते हैं। स्वयं को हील कर सकते हैं। इसके अलावा हमसे जुडे लोगों को चाहे वह परिवार के सदस्य हो अथवा क्लाइंट उन्हें हील कर सकते हैं। 

पेड पौधे तक पर प्रभाव- आपको जानकर आश्चर्य होगा रेकी पेड पौधों तक पर अपना प्रभाव डालती है। ऐसा पौधा अथवा पेड जिसने सूखना शुरू कर दिया हो, उसे कुछ दिन लगातार रेकी देकर पुनः हराभरा बनाया जा सकता है। इसके अलावा पेट एनिमल जैसे कि कुत्ते, बिल्ली, खरगोश इत्यादि अस्वस्थ्य हो जाएं, तो उन्हें भी रेकी दी जा सकती है। स्वस्थ बनाया जा सकता है।

नो साइड इफेक्ट- रेकी का सबसे बडा लाभ यह है कि आपने यदि व्यवस्थित तरीके से रेकी सीख ली और फिर आप स्वयं अथवा किसी को भी रेकी दे सकते हैं। रेकी का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। जिस प्रकार जब आप दवाई का सेवन करते हैं, तो कोई जरूरी नहीं कि वह आपको सूट करे, उसका साइड इफेक्ट भी हो सकता है। मगर अस्वस्थ्य होने पर यदि आप रेकी का सहारा लेते हैं, तो ऐसे में आपको कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और धीरे-धीरे आप स्वस्थ भी हो जाएंगे। 

स्टूडेंट भी ले सकते हैं लाभ- स्टूडेंटस रेकी सीखकर अपनी एकाग्रता में इजाफा कर सकते हैं। हमने देखा है बहुत से स्टूडेंटस को एग्जाम फोबिया होता है। जो सब्जेक्ट अथवा प्रश्न उन्हें बहुत अच्छे से याद होते हैं, मगर एग्जाम फोबिया के कारण एग्जाम हाॅल में वे भूल जाते हैं। इसके अलावा, एक चीज और भी पैरेटस ने गौर की होगी कि उपरोक्त डर के चलते परीक्षा के ठीक पहले बच्चे का स्वास्थ्य भी खराब हो जाता है। मगर रेकी सीखकर स्टूडेंटस परीक्षा के भय को दूर सकते हैं, अधिक आत्मविश्वासी बन सकते हैं, नकारात्मकता दूर सकते हैं।

आत्महत्या की प्रकृति वाले जरूर ले लाभ- जो लोग आत्महत्या करने जैसा कदम उठाते हैं, उनकी विलपाॅवर दरअसल कमजोर होती है। अध्ययन में यह भी आया है कि कुछ लोगों में आत्महत्या की प्रकृति भी होती है अर्थात वे अपने जीवन में ऐसा कदम पहले भी कई बार उठा चुके होते हैं। कुछ लोग इस बारे में अपने परिवार को बता देते हैं और कुछ लोग उन्हें नहीं बताते। सबसे पहले तो ऐसे लोगों को हम बताना चाहेंगे कि जीवन अनमोल होता है, आत्महत्या जैसा कदम कभी नहीं उठायें। दूसरा उन्हें हम यह भी बताना चाहेंगे कि वे रेकी अवश्य सीखें। इसके माध्यम से आपकी विलपाॅवर बढेगी, सकारात्मक ऊर्जा के माध्यम से आपका उपरोक्त नकारात्मक विचार धीरे-धीरे दूर हो जाएगा।

थर्ड डिग्री तक सीखा जा सकता है- डिवाइन हीलिंग केयर से व्यक्ति ऑनलाइन क्लासेज के आधार पर फस्ट, सेकंड एवं थर्ड डिग्री तक रेकी सीखी जा सकती है। तीनों ही डिग्री के कोर्स बहुत ही आसान बनाए गए हैं। इन कोर्सेज को किसी भी उम्र, जाती का व्यक्ति सीख सकता है। आपको बताएं, अभी तक हमारे पास रेकी सीखने जो लोग आये हैं उनमें से सबसे कम आयु 15 एवं अधिकतक आयु 75 साल की रही है।  

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